प्यारी मानवता,

मैं मानता हूँ कि तुम्हें पत्र लिखना अजीब लगता है। पत्र आम तौर पर एक व्यक्ति या लोगों के एक सीमित वर्ग को संबोधित किये जाते हैं। मानवता को पत्र लिखना पूर्ण रूप से असामान्य है। तुम्हारा तो कोई डाक पता भी नहीं है, और मुझे शक है कि तुम्हें कोई ज्यादा पत्राचार मिलता है। फिर भी, मैंने सोचा कि तुम्हें यह लिखने का उचित समय है।

जाहिर है, मुझे पता है कि मैं संभवतः पूरी तरह से तुम तक नहीं पहुँच सकता हूँ – सिर्फ इसलिए क्योंकि मानवता सिर्फ हर जिंदा व्यक्ति की ही नहीं बल्कि उन सभी व्यक्तियों की भी होती है जो कभी जिन्दा थे। यह एक अनुमान के अनुसार 107 अरब लोग हैं। और फिर वे सब भी हैं जो कि अभी पैदा ही नहीं हुए हैं – उम्मीद है कि उनमें से कई एक महान होंगे। मैं उस पर बाद में वापस आऊँगा, लेकिन इससे पहले कि हम भविष्य के बारे में बात करें, मैं वापस देखना चाहूँगा।

प्रिय मानवता, हमने एक लंबा रास्ता तय कर लिया है।

किसी भी अन्य जानवर ने अपने परिवेश को आपकी तरह बखूबी से आकार नहीं दिया है। यह लगभग कोई 200,000 वर्ष पहले शुरू हुआ था। उस समय, जानवरों की खाल का उपयोग गर्म रहने, या आग को नियंत्रित करने, या भाले अथवा जूतों का आविष्कार करने, किसी शानदार विचार को प्रस्तुत करने के लिए कोई नोबेल पुरस्कार नहीं होता था। वे सभी असाधारण रूप से चतुर अविष्कार थे जिन्होंने न केवल आपको अपने मूल अनियंत्रित प्राकृतिक निवास स्थान में जीवित रहने के लिए सक्षम बनाया, बल्कि आपको इसे अपनी इच्छानुसार आकृति प्रदान करने और इस पर अपना वर्चस्व स्थापित करने में भी सहयोग दिया।

मनुष्य हमेशा इतने शक्तिशाली नहीं थे। लंबे समय तक, आप खाद्य श्रृंखला के बीच में कहीं स्थित एक अत्यल्प, मामूली प्रजाति थे और आपका गोरिल्ला, तितलियों या जेलीफ़िश की तुलना में अपने पर्यावरण पर कोई अधिक नियंत्रण नहीं था। आप मुख्य रूप से पौधों को एकत्र करके, कीड़े पकड़के, छोटे जानवरों का पीछा करके और ज्यादा मजबूत शिकारियों द्वारा,जिनसे कि आप लगातार डरते रहते थे, पीछे छोड़े गए शवों को खाकर, जिंदा रहते थे।
क्या आप जानते हैं कि औसत चिंपांज़ी सेना में आज पृथ्वी पर रहने वाले 7 अरब लोगों के बीच होने वाले आनुवंशिक परिवर्तन की तुलना में ज्यादा आनुवंशिक परिवर्तन होता है? शोधकर्ताओं का मानना है कि यह इस वजह से है क्यूंकि मनुष्य एक बार लगभग विलुप्त हो गए थे और आज की पूरी विश्व जनसंख्या कुछ जीवित बचे लोगों में से अवतरित हुई है।यह तथ्य हमें विनम्र होने के लिए मजबूर करता है। दरअसल, यह एक चमत्कार ही है कि हम सब यहाँ पर मौजूद हैं।

शारीरिक रूप से, कई जानवरों की तुलना में, मनुष्य आश्चर्यजनक रूप से नाजुक जीव हैं। कौन सा अन्य जानवर दुनिया में नग्नावस्था में, चिल्लाते हुए और तुलनात्मक रूप से असहाय, किसी भी आनेवाले शिकारी के लिए आसान शिकार, के रूप में प्रवेश करता है? एक नवजात मेमना पैदा होने के कुछ ही घंटों के भीतर चल सकता है; एक मनुष्य का बच्चा अपने दो पैरों पर खड़ा होने के लिए एक साल लेता है। अन्य जानवरों के पास विशिष्ट इन्द्रियां, अंग और सजगता है जो कि उन्हें विशिष्ट वातावरण में जीवित रहने के लिए सक्षम बनाती हैं, लेकिन आप स्वाभाविक रूप से विशेष रूप से किसी भी निवास स्थान के लिए सुसज्जित नहीं हैं। फिर भी यह स्पष्ट कमजोरी भी एक ताकत साबित हुई है, और आपको सवाना से उत्तरी ध्रुव, समुद्र तल और चंद्रमा तक जाने के लिए सक्षम बनाती है! यह एक अनूठी उपलब्धि है।

कुछ लोगों को यह भी लगता है कि हमको पृथ्वी से परे जाना चाहिए और ब्रह्मांड को आबाद करना चाहिए। यह अपने में एक अच्छा विचार है, शायद सिर्फ इसलिए ताकि किसी दिन जब एक विशाल उल्का ग्रह प्रथ्वी से टकराए तो सम्पूर्ण मनुष्य जाति को नष्ट न कर दे। ये तो एक शर्म की बात होगी। इमानदारी से कहूँ तो, हालांकि, मुझे लगता है कि यह हमारे लिए दूसरी दुनियाओं में शरण लेने के लिए थोड़ा जल्दी सा है। पहले, चलो अपने घर ग्रह पर कुछ मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करते हैं। क्योंकि यह कहा जा सकता है कि पृथ्वी पर हमारी उपस्थिति कई समस्याओं का कारण बनी है जैसे कि : ग्लोबल वार्मिंग, वनों की कटाई, महासागरों में प्लास्टिक, विकिरण, जैव विविधता में गिरावट। यह किसी व्यक्ति को उदास बनाने के लिए काफी है। कभी कभी ऐसा लगता है कि हम अच्छे कामों से अधिक नुकसान करते हैं!

मुझे अक्सर ऐसे लोग मिलते हैं जिनका मानना है कि पृथ्वी हमारे यहाँ नहीं होने से बेहतर होती। मुझे आशा है कि प्रिय मानवता मैं यह कह कर आप का अपमान नहीं करूँगा, लेकिन मैं आपको यह बताने के लिए बाध्य हूँ कि हमारे बीच कई लोग हैं जो आप पर भरोसा नहीं करते हैं, घृणा के साथ आपको नीचा देखते हैं, या बस आपको नापसंद करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि आप इस गृह को बर्बाद कर रही हो। मैं जल्दी से यह जोड़ना चाहूँगा कि मैं स्वयं उनमें से एक नहीं हूँ । मुझे हमेशा ऐसे मानव द्रोह को समझने में मुश्किल होती है, क्योंकि अंतत: यह एक प्रकार की आत्म घृणा है।

मानवता पर यह अविश्वास कहाँ से आया है? और जांच पड़ताल पर, मुझे पता चला कि इससे संक्रमित लोगों की मानवता के बारे में एक खास छवि है, जो कि मेरी बुद्धि के हिसाब से, पूरी तरह से गलत है: वे इसे एक ऐसी प्राकृतिक विरोधी प्रजाति के रूप में देखते हैं जो कि सही मायने में रोमांटिक, सुंदर, लयबद्ध प्रकृति से संबंधित नहीं है। मेरा मानना है कि यह एक भोली पूर्वधारणा है जो कि हमें आगे बढ़ने में मदद नहीं करेगी, और हमें जितनी जल्दी हो सके इससे छुटकारा पाना चाहिए। इस विचार को समझने के लिए हमें शुरुआत से पहल करने की जरूरत है।

पृथ्वी 4.5 अरब से अधिक वर्ष पहले अस्तित्व में आयी। शुरू में, यह अंतरिक्ष में एक अकेली चट्टान से अधिक नहीं थी, और इसके जीवमंडल के बनने की शुरुआत से पहले एक अरब से अधिक साल लग गए। उसके बाद, पहले बहुकोशिकीय पौधों के विकसित होने से पहले लगभग 2 अरब से अधिक साल लगे। एक अरब और साल बाद, कैम्ब्रियन विस्फोट के दौरान, जीवन रूप का एक पूरी तरह से नया प्रकार ग्रह पर उत्पन्न हुआ: जानवर।

पहले जानवर 50 करोड़ साल पहले सामने आए। हम नहीं जानते कि पौधों ने, जो कि पहले से ही एक अरब साल से मौजूद थे, जानवरों के आने पर कैसा महसूस किया था। जैसा कि आप जानते हैं, पौधों को शांति से रहना पसंद है; वे ज्यादा नहीं हिलते और सूर्य और धरती से भरणपोषण लेते हैं। अब, मुझे नहीं पता कि पौधे क्या सोचते हैं, क्योंकि मैं उनसे बात नहीं कर सकता, लेकिन यह असंभव नहीं लगता है कि उन्हें उनके आसपास जानवरों के साथ कठिन और असुविधाजनक लगा होगा। शायद उन्होंने जानवरों को अनैतिक भी माना होगा, सिर्फ इसलिए नहीं कि वे मौलिक रूप से बिना जड़ के थे और एक अकल्पनीय तेज गति से रहते थे, पर ज्यादा इसलिए क्योंकि उन्होंने वह किया जो कि उन दिनों में पूरी तरह से नया था, अनसुना और घृणित था: जानवरों ने पौधों को खा लिया।

सभी चीजों पर विचार करने के बाद, जानवरों का आगमन पौधों के लिए बहुत मज़ेदार नहीं रहा होगा। विकास, निरंतर है, हालांकि, जबकि पृथ्वी पूरी तरह से पौधों द्वारा बसे होने से ठीक ठाक थी, पर यह थोड़ा अरुचिकर भी थी, या कम से कम जानवरों के भी समाहित होने की तुलना में कम रोमांचक थी (मैं आपको इसके बारे में विवरण दूंगा कि पौधों के बिना पृथ्वी, सिर्फ चट्टानों सहित, कैसी थी जो कि इससे भी अधिक अरुचिकर था)।

तो, वापस मानवता की भूमिका पर आते हैं। जिस प्रकार से जानवरों की उत्पत्ति ने पौधों की दुनिया को हिलाकर रख दिया, उसी प्रकार आपके आगमन ने भी, विधिवत परेशानी पैदा की है। याद रखें, कि आप केवल बस यहाँ पहुंचे हैं। जानवर मनुष्यों से 2,000 गुणा अधिक समय से यहाँ मौजूद थे, और सरल पौधों की प्रजाति मनुष्यों से 7,000 गुणा अधिक समय से यहाँ मौजूद थी। लेकिन मैं यह आपको नीचा दिखाने के लिए नहीं कह रहा हूँ ,बल्कि इसलिए कि मुझे लगता है कि आप कमाल हो।

हालांकि आप मौलिक रूप से जानवर की एक प्रजाति हैं, पर आपके बारे में कुछ पूरी तरह से अद्वितीय है, जो कि आपके भौतिक मानव निर्माण से बहुत कम प्रभावित है – जो कि जैसा मैंने कहा, तुलनात्मक रूप से कम प्रभावशाली है – – और आपकी प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की निहित प्रवृत्ति से अधिक प्रभावित है। जबकि अन्य मेहनती पशु प्रजातियां अपने परिवेश को बदलती हैं – ऊदबिलाव के घोंसले और दीमक के टीलों के बारे में सोचें – उनमें से कोई भी इसे आपके जितना बेहतर तरीके से नहीं करता है। मैं “प्रौद्योगिकी” शब्द का उपयोग व्यापक तौर से कर रहा हूँ: – “प्रौद्योगिकी” से, मेरा मतलब मानव सोच के हमारे आसपास की दुनिया को प्रभावित करने के सभी तरीकों से है – वस्त्र, उपकरण और कारों के अलावा सड़कों, शहरों, वर्णमाला, डिजिटल नेटवर्क, और यहां तक कि बहुराष्ट्रीय निगम और वित्तीय प्रणाली।

जब से आप अस्तित्व में आए, आपने प्रकृति के उद्दंडी बलों से खुद को आजाद कराने के लिए तकनीकी प्रणालियों का निर्माण किया है। यह आपके सर पर एक छत के साथ शुरू हुआ था जिसने आपको तूफानों से संरक्षित किया और घातक बीमारियों के इलाज के लिए आधुनिक दवाओं को बनाने तक आगे बढ़ गया है। आप स्वभाव से प्रौद्योगिकीय हैं। लेकिन एक मछली की तरह जिसे कि यह नहीं पता कि वह पानी में तैर रही है, आप इस बात को वास्तविकता से कम आँकते हैं कि आपका जीवन प्रौद्योगिकी से कितना लिपटा हुआ है और इसने आप के लिए कितना कुछ किया है। उदाहरण के लिए, जीवन प्रत्याशा को देखिये। आपके अस्तित्व की शुरुआत में, औसत मानव तीस से ज्यादा अधिक जीने की उम्मीद नहीं कर सकता था। आंशिक रूप से उच्च बाल मृत्यु दर की वजह से, आप अपने आप को भाग्यशाली लोगों में गिन सकते थे अगर आप बच्चे पैदा कर सकने के लिए जिन्दा रहते थे। प्रकृति माँ के नजरिए से यह पूरी तरह से सामान्य है। अगर आप बतखों के जोड़े को एक एक दर्जन चूजों के साथ बसंत ऋतु में उनके पीछे तैराकी करते देखते हैं, तो आपको आश्चर्य नहीं होना चाहिए अगर गर्मियों के अंत तक वहाँ केवल दो, या किस्मत से शायद तीन, बच पाएंगे।

प्रौद्योगिकी ठीक उसी तरह हमारी जिंदगी का हिस्सा है जैसे कि मधुमक्खियां और फूल विकसित होकर एक दूसरे पर निर्भर हैं। मधुमक्खियां रस एकत्रित कर, फूलों द्वारा उनके पराग के प्रसार द्वारा प्रजनन में सहायक होती हैं। मनुष्य और प्रौद्योगिकी भी एक दूसरे पर निर्भर हैं। प्रौद्योगिकी को अपना विस्तार बढ़ाने और प्रजनन करने के लिए हमारी जरूरत है। और मानवता, आप इस कार्य के लिए कितना उत्तम सिद्ध हुई हो! प्रौद्योगिकी हमारे ग्रह पर इतना सर्वव्यापी हो चुकी है कि इसने एक नया माहौल, एक नई सेटिंग की शुरुआत कर दी है जो कि पृथ्वी पर सारे जीवन को रूपांतरित कर रहा है। एक टेक्नौस्फेयर – प्रौद्योगिकियों के संप्रेषण का माहौल जो कि हमारे आगमन के बाद विकसित हुआ – मौजूदा जीवमंडल के शीर्ष पर विकसित हो चुका है। पृथ्वी पर मौजूद जीवन पर इसके प्रभाव को शायद ही कम करके आँका जा सकता है, और यह प्रभाव 50 करोड़ वर्ष पहले जानवरों की उत्पत्ति से तुलनीय ही नहीं बल्कि शायद उससे कहीं अधिक है।

एक विकासवादी दृष्टिकोण से, यह सब सामान्य रूप से व्यापार है। प्रकृति हमेशा जटिलता के मौजूदा स्तर को बढाती रहती है: जीव विज्ञान रसायन शास्त्र पर बढता है, अनुभूति जीव विज्ञान पर बढती है, गणना अनुभूति पर बढती है। लेकिन हमारे नजरिये से, यह असाधारण है। मैं किसी और प्रजाति के बारे में सोच भी नहीं सकता जिनकी उपस्थिति ने अरबों वर्षों पुराने डीएनए, जीन और कार्बन यौगिक आधारित विकास से मुक्त, पूरी तरह से विकासवादी चरण की शुरुआत कर दी हो। जैसे डीएनए आरएनए से उत्पन्न हुआ, उसी तरह आपके कार्यों ने सिलिकॉन चिप जैसी नई सामग्री के गैर-आनुवंशिक विकास के लिए छलांग को संभव बना दिया है। हालांकि यह एक जानबूझ कर किया गया कार्य नहीं था, परन्तु परिणाम इसके लिए कोई कम नहीं हैं। आपकी उपस्थिति ने पृथ्वी के चेहरे को इस तरह मौलिक रूप से बदल दिया है कि इसका प्रभाव आज से लाखों वर्षों बाद भी दिखाई देगा। यह सब आपने किया है, लेकिन आपको इसका बिलकुल भी अहसास नहीं है, और इससे भी कम आपने इसकी तरफ कोई स्पष्ट स्थिति उजागर की है।

अब मुझे यह समझ आ गया है कि यह एक आसान काम होने से कोसों दूर है, क्यूंकि आप, मानवता, कोई एक सोच वाला जीव नहीं हो बल्कि अरबों जीवों का नायाब मिश्रण हो, जिनके सबके अपने स्वयं के विचार, जरूरतें और इच्छाएं हैं, और जो वास्तव में जैविक रूप से एक बड़े पैमाने पर ग्रहों के स्तर पर सोचने के लिए सुसज्जित नहीं हैं। फिर भी, यह मुझे इस क्षण का सबसे अहम मुद्दा लगता है। आप एक चौराहे पर खड़ीं हो। और यही कारण है कि मैं आज आप को लिख रहा हूँ।

भविष्य को ध्यान में रखते हुए, मुझे दो संभावित रास्ते दिखाई दे रहे हैं जिन पर आप प्रौद्योगिकी के साथ एक सह-विकासवादी संबंध विकसित कर सकते हैं: अच्छे सपने वाला रास्ता और बुरे सपने वाला रास्ता। बुरे सपने वाले रास्ते के साथ शुरू करते हैं। हर सह विकासवादी संबंध का – चाहे वह मधुमक्खियों और फूलों के बीच या मनुष्य और प्रौद्योगिकी के बीच है – परजीवी बनने का खतरा होता है। परजीवी रिश्ते में, सहजीवी रिश्तों के विपरीत, पारस्परिकता की कमी होती है। एक जोंक, टेपवार्म या कोयल अपने मेजबान को वापस कुछ भी नहीं देते हैं; ये केवल लेते हैं। क्या प्रौद्योगिकी के आसपास हमें जो तनाव महसूस होता है इससे सम्बंधित हो सकता है? इस तथ्य के बावजूद कि हम अति प्राचीन समय से प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि यह हमारे लिए कार्य करता है और हमारी क्षमताओं को विस्तार देता है, मनुष्यों को प्रौद्योगिकी का सेवक बनने का खतरा है, परिणाम की जगह साधन बनने का खतरा है, प्रौद्योगिकी का मेजबान बनने का खतरा है। एक उदाहरण दवा क्षेत्र में देखा जा सकता है। दवा निस्संदेह एक जीवन रक्षक तकनीक है, लेकिन जब दवा कम्पनियाँ अपने स्वयं के विकास के आंकड़ों को अधिकतम करने के लिए हर कोई जो कि सांख्यिकीय औसत से परे जाता है उसे ये समझाने का प्रयास करती हैं कि उसमें कोई विकार है और उसे उचित दवा की जरूरत है, तब हमें यह पूछना पड़ेगा कि क्या वे सही मायने में मानवता की सेवा कर रहे हैं या सिर्फ उद्योग और अपने शेयरधारकों की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।

आखिर उन प्रौद्योगिकियों के बीच की सीमा कहाँ है जो हमारी मानवता का सहयोग देती हैं और उनमें जो कि हमें रोकती हैं और हमारी जन्मजात क्षमता को लूटती हैं? परम काली छाया यह है कि आप, मानवता, अंततः एक यौन अंग से ज्यादा कुछ नहीं रह जाती हो जिसकी एक विशाल प्रौद्योगिक जीव को प्रजनन और फैलाव के लिए जरुरत है। बड़े जीवों के भीतर संपुटित कई जीवों को हम प्रकृति में कहीं और प् सकते हैं : उदाहरण के लिए, आंत्र वनस्पति के बारे में सोचिये जो कि हमारे शरीर के अंदर विभिन्न उपयोगी कार्य करते हैं। क्या हम जल्द ही तकनीकी जानवर के पेट में रोगाणुओं से अधिक कुछ नहीं रह जाएंगे? उस बिंदु पर, मानवता एक परिणाम नहीं बल्कि एक साधन हो जाएगी। और यह मुझे सही नहीं लगता है, क्योंकि मैं एक इंसान हूँ, और मैं टीम मानवता के लिए खेल रहा हूँ।

अब सपने के लिए।

सपना है कि आप उठें और ये महसूस करें कि मनुष्य कोइ समापन बिंदु नहीं बल्कि एक प्रक्रिया है। तकनीक न केवल हमारे वातावरण को बदलती है, यह अंततः हमें बदल देती है। आने वाले परिवर्तन आपको पहले से कहीं अधिक मानव होने में मददगार होंगे। क्या होता अगर हम तकनीक का इस्तेमाल अपने सर्वश्रेस्ठ मानवीय गुणों को विस्तृत करने और हमारी कमजोरियों में हमें समर्थन करने के लिए करते?

हम एक बेहतर शब्द न मिलने के कारण ऐसी तकनीक को मानवीय कह सकते हैं। मानवीय प्रौद्योगिकी अपनी प्रारंभिक बिंदु के रूप में मानवीय जरूरतों को लेगी। यह हमें अनावश्यक प्रतिपादन करवाने के बजाय हमें हमारी ताकतों का सही इस्तेमाल करने देगी। यह हमारी इंद्रियों को स्थूल करने की बजाय उनका विस्तार करेगी। यह हमारी प्रवृत्ति के अभ्यस्त होगी; और प्राकृतिक महसूस होगी। मानवीय प्रौद्योगिकी न मनुष्यों की सेवा करेगी बल्कि सबसे पहले सम्पूर्ण मानवता की सेवा करेगी। और अंततः एक और जरूरी बात, यह हम मनुष्यों के हमारे लिए सोचे गए सपनों को साकार करेगी।

तो क्या आप किस चीज़ के सपने देखते हैं? एक पक्षी की तरह उड़ने के? चाँद पर रहने के? एक डॉल्फिन की तरह तैरने के? सोनार से संवाद स्थापित करने के? प्रियजनों के साथ टेलीपैथी करने के? लिंगों और जातों के बीच समानता के? एक दिव्य दृष्टि के रूप में सहानुभूति पाने के? एक घर के जो कि आपके परिवार के साथ बढ़ता रहे? क्या आप दीर्घायु तक जीना चाहते हैं? हो सकता है कि आप हमेशा के लिए जीवित रहें।

मानवता सुनो: आप एक समय कोई अपेक्षाकृत महत्वहीन प्रजातियों में से एक थीं, पर आपके बचपन के दिन खत्म हो गए हैं। आपकी आविष्कारकशीलता और रचनात्मकता का धन्य हो, कि आपने अपने आप को सवाना के कीचड़ से बाहर उठाया है। आप एक विकासवादी उत्प्रेरक बन गयी हैं जो कि पृथ्वी के चेहरे को बदल रहा है। यह प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। आप जीव मंडल, जिसमें से कि आपकी उत्पत्ति हुई, और टेक्नौस्फेयर, जो कि आपके आने के बाद पैदा हुआ, के बीच का कब्ज़ा हैं। आपका व्यवहार न केवल आपके स्वयं के भविष्य को ही नहीं बल्कि पूरे ग्रह को और इस पर रहने वाली सभी अन्य प्रजातियों को प्रभावित करता है। यह कोई छोटी जिम्मेदारी नहीं है।

अगर आपको नहीं लगता कि आप इस के लिए सज्ज हैं, तो आपको अपनी गुफा में ही रहना चाहिए था। लेकिन यह आपकी शैली नहीं है। आप जिस दिन पैदा हुए उस दिन से ही शिल्प विज्ञानीय रहे हैं। प्रकृति को वापस पाने की इच्छा समझ में आती है क्योंकि यह असंभव है। यह अज्ञात का सामना करने में न केवल कायरतापूर्ण होगा, बल्कि यह आपको आपकी मानवता से वंचित कर देगा। हम प्रौद्योगिकी के भविष्य के बारे में सोचे बिना मानवता के भविष्य की कल्पना नहीं कर सकते हैं। आपको आगे बढ़ना चाहिए – भले ही आप बड़ी मुश्किल से यहाँ पहुँच सके हैं। आप एक किशोर हैं, पर अब बड़े होने का समय आ चुका है। प्रौद्योगिकी मानवता का आत्म चित्र है। यह भौतिक दुनिया में मानव विदग्धता का मूर्त रूप है। चलो इसे एक ऐसी कलाकृति बना दें जिस पर हम सभी को गर्व हो सकें। चलो प्रौद्योगिकी का उपयोग एक और अधिक प्राकृतिक दुनिया का निर्माण करने के लिए करें और भविष्य के लिए एक ऐसा रास्ता बनायें जो कि न केवल मानवता के लिए बल्कि अन्य सभी प्रजातियों, ग्रह और अंततः पूरे ब्रह्मांड के लिए काम करे।

समापन में, मैं आपको कुछ करने के लिए कहना चाहूंगा। मैं आप सभी को आमंत्रित करना चाहूंगा – जीवित और अभी पैदा नहीं हुए सभी जीव, पृथ्वी पर और बाकी कहीं भी – कि अपने जीवन में होने वाले हर प्रौद्योगिकीय परिवर्तन से यह प्रश्न पूछें: क्या यह मेरी मानवता में वृद्धि करता है?

इस सवाल का जवाब आमतौर पर स्पष्ट रूप में काला या सफ़ेद, हाँ या ना, नहीं होगा। ज्यादातर बार, यह 60 प्रतिशत हाँ, 40 प्रतिशत ना होगा। और आप कभी कभी अन्य लोगों के साथ सहमत नहीं होंगे और इस मामले पर कोई सहमति बनाने से पहले आपको इस पर बहस करनी पड़ेगी। लेकिन यह अच्छी बात है। अगर हम सब लगातार ऐसी प्रौद्योगिकी को चुनते हैं जो कि हमारी मानवता को बढ़ाती है, मुझे पता है आप ठीक होंगे। कैसे? यह देखना बाकी है। कोई नहीं जानता कि मनुष्य दस लाख साल बाद कैसे होंगे, या फिर मनुष्य होंगे भी कि नहीं, और यदि होंगे, तो क्या मैं उन्हें मनुष्य मानव के रूप में पहचान पाऊँगा। क्या हम प्रत्यारोपण स्वीकार करेंगे? क्या अपने डीएनए को नया रूप देंगे? क्या हम अपने दिमाग के आकार को दोगुना करेंगे? टेलीपैथी से संवाद करेंगे? पंखों को अंकुरित करेंगे? मुझे न ही पता है और न मैं जान सकता हूँ। लेकिन मेरी ये आशा है कि दस लाख साल बाद भी मानवता रुपी कोई चीज़ होगी। क्यूंकि जब तक मानवता रहेगी, तब तक मनुष्य रहेंगे।

मेरी विनम्र, अपूर्ण मानवता की गहराइयों से, मैं आपके लिए खुशी, प्यार और एक लंबी, रोमांचक यात्रा की कामना करता हूँ।

प्रत्याशा में है कि आप और अधिक लोगों को आगे लाना होगा अरबों, सभी का सबसे अच्छा,

कोएर्ट वैन मेंसवूर्ट

व्यक्तिगत पाठक के लिए निजी सचिव नोट: इस पत्र को पढने के बाद, कृपया इसे अपने साथी मनुष्यों के पास प्रेषित कर दें। अगर आप और अधिक करना चाहते हैं, तो आप इसे कॉपी, अनुवाद, पुनर्मुद्रित और वितरित भी कर सकते हैं। मानवता हम सभी से बनी है।